बाजार तो लंबे वक्त से सरविसिंग चाह ही रहा था, बस 2जी स्पेक्ट्रम , कॉमन वेल्थ गेम्स, कोरिया , आयरलैंड संकट और अभी का लेटेस्ट LIC हाउसिंग का किस्सा, इन सारी न्यूजों ने बस मौका दे दिया। ये करेक्शनस हि बाजार को सही स्तर पर पहुंचा्ते है साथ हि सस्ते में खरीददारी का सुंदर अवसर।
अभी जब मैंने बाजार कि इस गिरावट के मुत्तालिक लोगो कि नब्ज टटोली तो, पुन: वही मानसिकता दिखी, पेट्रोल का रेट जिस रात से बढने होते है, उसी की शाम को लंबी लाइन में घंटों इंतजार करके सस्ता पेट्रोल तो लेते हो पर यहॉ, बिदक जाते हो, जबकि बाजार वो भी है बाजार ये भी है। आज का भारत हमारे बगैर भी विकास कर सकता है, पर हमारा विकास इसकी रफ्तार से कदम ताल मिलाये बिना नही हो सकता है। तो आज ही आगे बढो नही तो "अभी बहुत कुछ सामने आनेवाला है" सोचा करो शांत रहो और जब सस्ता माल खत्म होकर बाजार सुधर जाये, तब तो ठंढे हो हि जाओगे क्योंकि तब तक शेयर महंगे हो चुके होते हैं। इसलिए ये फैसला आप पर ही रहा कि कब खरीदना है।
और जो आगे बढना चाहते है, पर जानकारी नही की कैसे और कौन से शेयर ले, तो इस गुत्थी को अगले सोमवार से हम अपने सहयोगी 72 THE FUND HOUSE कि टीम के सहयोग से एक नये कालम से सुलझायेंगे जो आपको योजना और यकीन के साथ खरिदना सिखायेगा।
उतार-चढ़ाव बाजार के स्वभाव का हिस्सा है। और जिन्दा चीजों में ही हलचल होती है।
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